Gynecological Treatment

1. Female Infertility (बांझपन / बंध्यत्व)

महिलाओं में infertility एक गंभीर समस्या है। इसमें महिला गर्भधारण करने में असक्षम होती है। 

Infertility के कारण (Causes) - गर्भाशय (uterus) संबंधी समस्या:

  • अधिक उम्र (35-40)
  • मोटापा
  • नलिकाओं (Fallopian Tubes) में क्षति
  • अधिक व्यायाम करना
  • हार्मोनल (hormonal) अनियमिता
  • कैंसर उपचार
  • Radiations ( किरणों) के संपर्क में आने से
  • ओव्यूलेशन संबंधी समस्या (ovulation disorder)
  • गर्भाशय ग्रीवा (cervix) संबंधी विकार

तनाव:

  • एक साल से अधिक समय तक गर्भ धारण ना कर पाना
  • मासिक धर्म में अनियमिता
  • योनि (vagina) में दर्द व खुजली
  • अनियमित वजन बढ़ना

आयुर्वेदिक उपचार:

  • नलिकाओं ( Fallopian tubes) में क्षत या अवरोध होने पर उत्तर बस्ति का प्रयोग करें।
  • पिचु धारण
  • गुडुच्यादि तेल
  • सैंधवादि तेल
  • उदुंबर आदि तैल
  • वर्ति प्रयोग (अर्कादिवर्ति)
  • पिप्पलयादिवर्ति
  • पलाशादिवर्ति

2.Uterine fibroids (बच्चेदानी की रसोली)

गर्भाशय के अंदर बनने वाली मांसपेशियों की गांठ को uterus fibroids कहते है। यह एक गैर कैंसरजन्य ट्यूमर होता है।

Uterine fibroids के कारण (causes):

  • हार्मोन (hormonal) अनियमिता
  • तनाव
  • परिवारिक इतिहास
  • निसंतान
  • मद्य सेवन (alcohol)
  • अनुवांधिक परिवर्तन
  • पेट की सूजन या दर्द बार बार
  • पेशाब आना

Uterine fibroids (लक्षण):

  • मासिक धर्म ऐंठन में वृद्धि
  • सामान्य से अधिक मात्रा में मासिक धर्म में रक्तस्राव 
  • संभोग के दौरान दर्द
  • एक सप्ताह से अधिक मासिक धर्म होना
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहना कब्ज

ल्यूपस वल्गेरिस का आयुर्वेदिक उपचार -

कैशौर गुग्गुल, गंधक रसायन, शिवा गुटिका, महामंजिषठआदि क्वाथ, अविपत्तिकर चूर्ण आदि। 

3. Poly-cystic ovarian Disease (पॉलिसिस्टिक ओवरी की बीमारी)

PCOD क्या है?

पीसीओडी (PCOD) में हॉर्मोन्स के कारण ओवरी (ovary) में छोटी-छोटी सिस्ट यानी गांठ हो जाती हैं। इन सिस्ट के कारण महिलाओं में बड़े स्तर पर हॉर्मोनल बदलाव होने लगते है। क्योंकि ये सिस्ट पीरियड्स और प्रेग्नेंसी दोनों को डिस्टर्ब करती हैं। यह समस्या होने पर ना ती महिलाओं को पीरियड्स ही ठीक से हो पाते हैं और ना ही उन्हें प्रेग्नेंसी हो पाती है। जिससे महिलाएं मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान रहती है।

PCOD के कारण (Causes) -

इस बीमारी की मुख्य वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है। फिर भी यह कुछ कारण PCOD का कारण बन सकते हैं।

  • मानसिक तनाव
  • हार्मोनल असंतुलन
  • अनुवाि नशीली वस्तुओं का उपयोग
  • परिवारिक समस्याएँ
  • वजन अधिक होना

PCOD के लक्षण (Symptoms): -

  • अनियमित मासिक धर्म
  • सितानता
  • अधिक वजन बढ़ना
  • शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना इसके अलावा, नींद ना आना
  • सिरदर्द
  • अधिक सत्याप

4. Dysmenorrhea (कष्टार्तव)

मासिक धर्म में होने वाले दर्द को डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) के नाम से जाना जाता है। कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द सामान्य होता है जबकी कुछ महिलाओं के लिए डिसमेनोरिया (कटयुक्त मासिकस्राव) गंभीर होता जाता है और दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने लगता है।

Dysmenorrhea के कारण (Causes) -

ये परेशानी यूटेरसा (गर्भाशय) के मसल्स से खिचाव आने के कारण होती है। जब मसल्स की सिकुड़न ज्यादा मजबूत होती है, तो ये ऑक्सीजन का प्रवाह यूटेरस टिश्यू में कम कर देता है जो दर्द का कारण बनता है। प्राथमिक कष्टार्तव से पीड़ित महिलाओं के गर्भाशय में प्रोस्टाग्लैडिंस का स्तर ऊंचा पाया जाता है। द्वितीयक कष्टार्तव के सामान्य कारणों में शामिल है |

  • गर्भाशय फाइब्रॉएड (uterine fibroids)
  • PID (श्राणि सूजन की बीमारी)
  • एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis)
  • cervical stenosis

Dysmenorrhea के लक्षण (Symptoms) -

पेट और पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और दर्द जो गंभीर और तीव्र हो सकते हैं। 

• दर्द आमतौर पर पीरियड से 1 से 3 दिन पहले शुरू होता है और पीरियड की शुरुआत के 24 घंटे बाद और 2 से 3 दिनों में शांत हो जाता है।

जब दर्द गंभीर हो तो यह लक्षण भी मिलते हैं–

  • चक्कर आना
  • उल्टी व जी का मचलना
  • सिरदर्द
  • पेट में दबाव का महसूस करना

5.Irregular menses (अनियमित मानसिक धर्म)

मासिक धर्म का कभी-कभी न होना, देर से होना या अनियमित समय पर होना या कभी कम और कभी ज़्यादा मात्रा में असामान्य रूप से होना irregular menses कहा जाता है।

Irregular menses के कारण (Causes) :

  • तनाव
  • अधिक व्यायाम करना व अधिक दौड़ कूद करना
  • अव्यवस्थित भोजन
  • नींद की कमी
  • बच्चेदानी की रसोली (uterine fibroids)
  • मोटापा
  • Perimenopause
  • हार्मोनल उपचार

6. Leucorrhea (श्वेत प्रदर / सफेद पानी का गिरना)

ल्यूकोरिया को आम भाषा में सफेद पानी या श्वेत प्रदर भी कहा जाता है। यह स्त्रियों में होने वाली एक सामान्य रोग है इसमें योनि से सफेद रंग का गाड़ा और दुर्गन्धयुक्त पानी निकलता रहता है।

Leucorrhea के कारण (Causes):

  • मानसिक तनाव पोषण की कमी
  • योनि में ट्रिकोमान्स गर्नन्स (Trichomans germinans) नामक बैक्टीरिया के कारण ल्यूकोरिया होता है।
  • बार-बार गर्भपात होना या  शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
  • कॉपर-टी लगा हुआ होने पर

Leucorrhea के लक्षण (Symptoms):

  • योनि से सफेद पानी का बहना
  • योनिमार्ग में तीव्र खुजली एवं चुनचुनाहट होना
  • कमजोरी महसूस होना एवं चक्कर आना
  • कमर में दर्द रहना भूख ना लगना एवं जी मिचलाना
  • पिंडलियों में खिंचाव एवं शरीर भारी रहना
  • बार-बार पेशाब आना और पेट में भारीपन बना रहना
  • चिड़चिड़ापन रहना

7. Amenorrhea

Amenorrhea means मासिक धर्म का न होना यह menopause और गर्भावस्था से अलग स्थिति है। जिसमे किसी समस्या के कारण राजोरोध होता है।

Amenorrhea के कारण (Causes):

  • हार्मोनल असंतुलन और पीसीओएस
  • तनाव
  • अनुवासिक असामान्यताएं
  • थायराइड की समस्या
  • पोषण की कमी
  • गर्भनिरोधक दवाईया
  • समय से पहले रजोनिवृत्ति
  • विकिरण और कीमोथेरेपी 
  • खून की कमी

Amenorrhea के लक्षण (Symptoms):

  • इसका मुख्य लक्षण है मासिक धर्म न आना
  • एमेनोरिया के कारणों के आधार पर आपको अन्य लक्षण महसूस हो सकते है जैसे निप्पल से दूध जैसा डिस्चार्ज
  • बाल झड़ना
  • चेहरे और शरीर पर अधिक मात्रा में बाल आना अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना
  • योनि में सूखापन सिर दर्द

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