बालों का सफेद होना ( Hair Whitening ), त्वचा यक्ष्मा ( Lupus Vulgaris ), बाल झड़ना ( Hairfall ) और चहरे पर दाने ( Pimples ) क्या है?
1. Hair Whitening (बालों का सफेद होना) -

उम्र बढ़ने के साथ बाल सफेद होना एक प्राकृतिक बदलाव है। हालांकि, मौजूदा समय में प्रदूषण और अन्य हार्मोनल कारणों से भी बालों के सफेद होने की समस्या देखने को मिल रही है।
बाल सफ़ेद होने का कारण -
आनुवंशिक कारक,हाइपोथायरायडिज्म (शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर में कमी) की समस्या से ग्रस्त लोगों में समय से पहले बालों के सफेद होने की आशंका होती है।
क्रॉशिअकोर, नेफ्रोसिस, सीलिएक रोग, सहित कुछ अन्य विकारों के कारण शरीर में आई प्रोटीन की कमी के चलते कम उम्र में ही बाल सफेद होने शुरू हो जाते हैं,शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के अधिकतर लोगों में कम उम्र में ही बाल सफेद होने की समस्या देखी गई है,कुछ मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं के मेलानोसाइट्स पर हमला करना शुरू कर देती है, जिसके चलते भी बाल सफेद होते हैं।
क्लोरोक्वीन (मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा), ट्राइपरानॉल (कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाली दवा), फेनिलथियोरिया (डीएनए परीक्षण में प्रयुक्त)और डिक्सीजरीन (कुछ मनोरोगों के इलाज के लिए) जैसी कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी बालों का रंग सफेद होने लगता है।
बाल सफेद के उपाय -
बाजार में कई प्रकार के प्राकृतिक रंग जैसे हिना, अमालकी, भृंगराज के माध्यम से बालों को रंगा जाता है।एंटी एजिंग के लिए उपयोगी माने जाने वाले ग्रीन टी, पॉलीफेनोल्स, सेलेनियम, कॉपर, फाइटोएस्ट्रोजेन और मेलाटोनिन जैसे यौगिकों का उपयोग भी फायदेमंद है।
विटामिन बी की कमी और हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में विटामिन बी के टेबलेट और उचित आहार लेने से भी इस समस्या को दूर किया जा सकता है।हार्मोनल एंटी-एजिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करने से बालों की मोटाई और विकास के साथ कुछ मामलों में बालों को काला करने में भी सफलता मिली है।
बालों को सफेद के घरेलू उपाय -
यदि आप आंवला का नियमित सेवन करते हैं तो आपके बाल नैचरली ब्लैक बने रहते हैं। आवंले के साथ मेहंदी का पेस्ट बनाकर लगाए।
2. Lupus Vulgaris (त्वचा यक्ष्मा) -

यह एक लंबे समय तक चलने वाला सूजन व जलन संबंधी रोग है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जब खुद के ऊतकों को नुकसान पहुंचाना शुरू करती है तब यह बीमारी उत्पन्न होती है। यह शरीर के सभी स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचता है।
ल्यूपस वल्गारिस के लक्षण -
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वयं शरीर को हानि करती हैं।
ल्यूपस वल्गारिस का कारण -
चेहरे पर तितली के आकार के दाने व लाल चकत्ते हो जाना, हृदय और फेफड़ों के आस पास पानी भर जाने से सांस लेने में कठिनाई, शरीर में दर्द, तेज बुखार, जोड़ो का दर्द, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप हो जाना आदि।
ल्यूपस वल्गारिस के उपचार -
यह एक दीर्घकालीन बीमारी है इसलिए इसका ईलाज सालों तक चलता है। ईलाज के तौर पर दी जाने वाली दवाइयां सूजन और दर्द निवारक, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में, रक्तचाप को नियंत्रित करने में, संक्रमण को कम करने में सहायक होती हैं।
ल्यूपस वल्गेरिस का आयुर्वेदिक उपचार -
कैशौर गुग्गुल, गंधक रसायन, शिवा गुटिका, महामंजिषठआदि क्वाथ, अविपत्तिकर चूर्ण आदि।
3. बाल झड़ना ( Hairfall ) -

सिर के बालों के गिरने को ही बाल झड़ना कहा जाता है।
बाल सफेद होने के लक्षण -
आमतौर पर किसी रोग के लक्षण के रूप में बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। बाल झड़ने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं: अलग-अलग तरीकों से बाल झड़ सकते हैं,
जैसे कि: पैटर्न बोल्डिंग (बालों का पतला या सिर के आगे के बालों का झड़ना),स्कैल्प पर जगह-जगह गंजापन होना ,बालों का झड़ना,पूरे शरीर के बालों का झड़ना,स्कैल्प पर स्केलिंग और रूखापन होना,सिर की त्वचा पर खुजली होना,बालों में रूखापन और दो मुंहे बाल।
बाल सफ़ेद होने का कारण -
1. अनुवांशिक: माता-पिता या परिवार में किसी को बालों के झड़ने की समस्या रही है तो उस व्यक्ति में बाल झड़ने या गंजेपन का खतरा अधिक रहता है,हार्मोनल बदलाव के कारण पुरुषों के सिर के बीच वाले हिस्से से बाल झड़ने लगते हैं,
2. स्कैल्प पर संक्रमण जैसे कि फंगल इंफेक्शन होना,लैट्रोजेनिक: इसमें कीमोथेरेपी तत्वों, तनाव-रोधी दवाओं आदि के कारण बाल गिर सकते हैं,रेडिएशन थेरेपी,तनाव: बाल झड़ने के प्रमुख कारणों में भावनात्मक तनाव भी शामिल है।
3. पोषण की कमी: विटामिन ई, जिंक, सिलेनियम आदि की कमी के कारण बाल झड़ सकते हैं।अगर आप बहुत जल्दी–जल्दी हेयर कलर, स्ट्रेटनिंग या अन्य कोई केमिकल ट्रीटमेंट लेते हैं तो इस वजह से भी आपके बाल झड़ सकते हैं।
बाल सफ़ेद के उपाय -
नीम और बेर के पत्तों को पानी में खूब उबालें। इस पानी को ठण्ड़ा करके इससे सिर के बाल धोयें और बाद में नीम के तेल का प्रयोग करें, इससे बालों का झ़ड़ना बन्द हो जाता है।
हरसिंगार के बीजों को पीसकर लेप तैयार करें इसे नियमित सिर पर लगाये यह बालों के झड़ने और गंजेपन के लिए फायदेमंद नुस्खा है। ग्रीन टी को एक कप पानी में मिलाकर अपने सिर में लगा लें और इसे करीब एक घंटे तक छोड़ दें।
4. चहरे पर दाने ( Pimples ):-

मुंहासे की समस्या तब पैदा होती है जब स्किन से निकलने वाले ऑयल का उत्पादन तो बढ़ जाता है लेकिन स्किन सेल्स के फैलाव में कमी आ जाती है। इस स्थिति के कारण स्किन सेल्स ब्लॉक हो जाते हैं और उनमें मौजूद ऑयल वहीं रुक जाता है।
पिंपल्स होने के लक्षण-
मुंहासे आपकी स्किन पर मवाद या फिर बना मवाद के छोटे-बड़े आकार के थक्के के रूप में दिखाई दे सकते हैं। ये थक्के अपना आकार बढ़ाते रहते हैं। मुंहासों चेहरे के उस हिस्से में ज्यादा होते हैं, जहां तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय होती हैं, जैसे चेहरा, गर्दन, कंधे, छाती और पीठ का ऊपर वाला हिस्सा।
पिंपल्स होने का कारण -
गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में हार्मोन लेवल का बढ़ना और घटना,खेलते वक्त हेलमेट या टोपी जैसी चीजों को पहनने से होने स्किन पर पड़ने वाला दबाव, बालों के लिए यूज किए जाने वाले प्रोडक्ट्स जैसे हेयर पोमेड्स, हैवी लोशन / क्रीम, वैक्स आदि के इस्तेमाल से भी मुंहासे आ सकते हैं,पर्यावरण, जिसमें आर्द्रता की मात्रा ज्यादा हो,वायु प्रदूषण,रेस्तरां जैसी चिकनी सतहों वाले वातावरण में काम करना,गर्भ निरोधक गोलियों का अधिक प्रयोग।
पिंपल्स के उपाय -
बेंजोयल पेरोक्साइड (बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए),नए मुंहासे को आने से रोकने के लिए टैजरोटीन, ट्रेटीनोइन और एडापेलीन जैसे रेटिनोइड्स,एरिथ्रोमाइसिन और क्लिंडामाइसिन जैसे एंटीबायोटिक्स ताकि मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को धीमा किया जा सके,व्हाइटहेड्स और ब्लैकहेड्स से भरे ऑयल और डेड स्किन सेल्स को खाली करने के लिए सैलिसिलिक एसिड,अन्य दवाएं- डैप्सोन (Dapsone) और एजीलैक (azelaic) एसिड।
पिंपल्स के आयुर्वेदिक उपचार -
गन्धंक रसायन, गिलोय सत्व, खदिरारिष्ट, महामंजिष्ठारिष्ठ, निम्ब चूर्ण ,आरोग्यवर्धनी वटी।
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